मैं सरहदों में बैठकर जो कर रहा हूँ। मैं ज़िंदा होके जीतेजी जो मर रहा हूँ। मैं हूँ वही ज़मी का सीना फाड़ता हूँ। मैं हूँ वही जो देश पूरा पालता हूँ। वो कहता है मैं गैर और बेईमान हूँ। पाकीस्तां या की कोई खालिस्तान हूँ। मैं देश का किसान हूँ,हाँ!मैं देश का किसान हूँ। मैं हूँ वही जो दौड़ता,रगों में हिंदुस्तान की मैं हूँ वही जो जोड़ता,किस्म हर ईमान की। मैं तो वही हर,कौम जिसको मानती है बेसबब मैं तो वही हर,ज़ात जिसको जानती है बेसबब। मैं शून्य हूँ,मैं हूँ शतक मैं ही सकल ब्रह्मांड हूँ। मैं देश का किसान हूँ,हाँ!देश का किसान हूँ। मैं सरहदों में बैठकर जो कर रहा हूँ। मैं ज़िंदा होके जीतेजी जो मर रहा हूँ। मैं हूँ वही ज़मी का सीना फाड़ता हूँ। मैं हूँ वही जो देश पूरा पालता हूँ। वो कहता है मैं गैर और बेईमान हूँ। पाकीस्तां या की कोई खालिस्तान हूँ। मैं देश का किसान हूँ,हाँ!मैं देश का किसान हूँ।