शीर्षक - हम सब मिलकर, ऐसे यह दिवाली मनाये ---------------------------------------------------------------- (शेर)- मनाये उनके साथ दिवाली, जिनके पास ना रोटी कपड़ा मकान है। अपने परिवार से दूर, देश की सरहद पर प्रहरी जो जवान है।। ---------------------------------------------------------------- हम सब मिलकर, ऐसे यह दिवाली मनाये। हर घर में हम रोशनी और, खुशहाली लाये।। हम सब मिलकर---------------------------।। रोशन हो हर चेहरा, नहीं उदास हो कोई। मुफलिसी के कारण, भूखा नहीं सोये कोई।। बेघर- यतीमों के साथ हम, खुशी यह मनाये। हम सब मिलकर---------------------------।। अज्ञानता का अंधेरा मिटे, दीप जले ज्ञान का। विश्व में हर क्षेत्र में परचम हो, हिंदुस्तान का।। अंधविश्वासों के विरुद्ध, ज्योति हम जलाये। हम सब मिलकर---------------------------।। जो है देश की सीमा पर, देश की रक्षा के लिए। अपना परिवार छोड़कर, देश में अमन के लिए।। वतन के रखवालों के घर, चलकर दीप जलाये। हम सब मिलकर---------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #दिवाली