Nojoto: Largest Storytelling Platform

कभी एक अभावग्रस्त बेटे ने कर्ज़ लिया था (कैप्शन मे

कभी एक अभावग्रस्त बेटे ने कर्ज़ लिया था

(कैप्शन में पूरी कविता) कभी एक अभावग्रस्त बेटे ने कर्ज़ लिया था
अपनी मेहनत से चाँद तारे तक पहुँचने की जिद करता था
किस्मत उसकी कुछ खट्टी थी, थोड़ी मीठी थी
चाँद की बस्ती ना मिली,
पर उसकी इमारत आसमान से जा मिली
बीवी भी सीमेंट सा मिली,
जितना पानी मिलाया खारा सा
उतनी कठोर बन उस घर की नींव बनी
कभी एक अभावग्रस्त बेटे ने कर्ज़ लिया था

(कैप्शन में पूरी कविता) कभी एक अभावग्रस्त बेटे ने कर्ज़ लिया था
अपनी मेहनत से चाँद तारे तक पहुँचने की जिद करता था
किस्मत उसकी कुछ खट्टी थी, थोड़ी मीठी थी
चाँद की बस्ती ना मिली,
पर उसकी इमारत आसमान से जा मिली
बीवी भी सीमेंट सा मिली,
जितना पानी मिलाया खारा सा
उतनी कठोर बन उस घर की नींव बनी
pratimatr9567

Vidhi

New Creator