कागज़ की एक नाव, बिलकुल दुनिया जैसी है, सागर पर चलती है, हिचकोले खाती है, नाविक पर निर्भर है डूबेगी नाव, या की किनारे पर लेकर के जाती है । ©रवि #Competetion