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तेरे दामन से लिपटकर रोना चाहता हूँ । इश्क कितना

तेरे दामन से लिपटकर रोना चाहता हूँ   ।
इश्क कितना है तुझसे, बताना चाहता हूँ   ।।

है वजूद जिन्दा अभी अश्कों का मेरे   ।
मैं तेरे पास आकर आजमाना चाहता हूँ   ।।

अब संभलता नहीं मुझसे शीशा-ए-दिल    ।
मैं   टूटकर   बिखरना चाहता       हूँ    ।।

थक गइ हैं आँखे तेरे दीद की  दिवानी   ।
अब तेरा नाम लेकर मर जाना चाहता हूँ   ।।



ओमीd-ए-

©Omi Sharma
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