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मैं नहीं रुकता किसी पड़ाव पर लंबे समय के लिए क्यूं

मैं नहीं रुकता किसी पड़ाव पर लंबे समय के लिए
क्यूंकी रुकना मेरे स्वभाव के विपरित रहा है
आरंभिक काल से ही,
मेरे निर्माण से पहले तय हुआ था 
मेरा कर्तव्य और स्वभाव भी,
ऐसा नहीं है कि मैं रुकता नहीं
मैं रुकता हूँ,
एक निश्चित अंतराल पर 
और एक निश्चित दूरी तय करने के बाद
ताकि मैं ढो सकूं बोझ तुम्हारा 
मैं निमित्त बन सकूं तुम और तुम्हारे मंज़िल के मध्य
पर अभी रुका पड़ा हूं मैं भी
किसी स्टेशन पर बिना किसी पूर्व सूचना के
इसलिए की तुम भी रुक सको अपने घरों में ।।

© मनीष रोहित गराई #Lockdown #SocialDistancing #StayHome #StaySafe #Mrgwrites 
#NojotoHindi
#NojotoPoem #MrgPoem #poem
मैं नहीं रुकता किसी पड़ाव पर लंबे समय के लिए
क्यूंकी रुकना मेरे स्वभाव के विपरित रहा है
आरंभिक काल से ही,
मेरे निर्माण से पहले तय हुआ था 
मेरा कर्तव्य और स्वभाव भी,
ऐसा नहीं है कि मैं रुकता नहीं
मैं रुकता हूँ,
एक निश्चित अंतराल पर 
और एक निश्चित दूरी तय करने के बाद
ताकि मैं ढो सकूं बोझ तुम्हारा 
मैं निमित्त बन सकूं तुम और तुम्हारे मंज़िल के मध्य
पर अभी रुका पड़ा हूं मैं भी
किसी स्टेशन पर बिना किसी पूर्व सूचना के
इसलिए की तुम भी रुक सको अपने घरों में ।।

© मनीष रोहित गराई #Lockdown #SocialDistancing #StayHome #StaySafe #Mrgwrites 
#NojotoHindi
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