वन वायु आकाश का, जल थल का माँ सार नित जग पर बरसे सदा, छठ मैया का प्यार सुख देती समृद्धि दे, देती अखण्ड सौभाग्य भाव पुष्प अर्पित है मेरे , छठ मैया के द्वार ©sukoon भक्ति गीत भक्ति सागर