व्यवहार दिए, पुलकित हो बीते सत्र को कर एकत्र, पर नक्षत्र मेरे प्रेम वर्षा बिन सुखी है दीवारों पर टंगी तस्वीर तुम्हारी, वास्तविकता की भूखी है। रचयिता:- सत्यम् मिश्रा ©satyamkavy कविताएं रचयिता:- सत्यम् मिश्रा © 2022 gorakhpur U.P. India Inc all rights reserved. #satyamkavy