तुम तो करते थे साथ निभाने के वादे तुम जो गाते थे दोस्ती के तराने आज क्या हुआ जो गुमसुम हो। आज क्या हुआ जो एकांत हो। इसलिए हमेशा कहता था मैं मुखौटा ओढ़ रखा क्यों, जो हो वो दिखलाओ, निभा ना पाओ जो साथ तो ऐसे वादे ना कर जाओ। समय ने सिखाया बहुत कुछ अच्छा बुरा लेकिन तुम मुझे पीठ पर वार सिखलाओ। कुछ तो अपने जैसा बनाओ इस दुनिया में जीने का तरीका तो सिखलाओ। #सीखना है