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White क्यूं कर ना करते इन गुलमोहरो से प्रेम साथी इ

White क्यूं कर ना करते इन गुलमोहरो से प्रेम साथी इनको धूप ने जितना सताया यह और मुस्कुराते गए इनका रंग और गहराता गया

इन्होंने कभी नहीं चाहा कि इनकी जड़ों को सींचा जाए इन्होंने कभी नहीं चाहा कि इनके फूलों को तोड़कर कोई प्रेमी किसी प्रेमिका के बालों में गूथे

इन्होंने कभी नहीं चाहा की नया-नया प्रेमी जो प्रेम का प्रस्ताव दे रहा हो उसके हाथों में यह सुसज्जित होकर प्रेमिका के हाथों में जाने को लालायित हो

इन्होंने कभी नहीं चाहा कि कोई कवि इन पर कविता और गजल लिखें

इतने पर भी मजाल है साथी कि इनकी कठोरता मिश्रित कोमलता गुलाब की पंखुड़ियों की तरह टूट कर बिखर जाए,


क्यूं कर ना करते तुमसे प्रेम गुलमोहर

 तुम्हें लिख रही हूं मैं अपना प्रेम गुलमोहर

मैं बारिश हूं तुम्हें देती हूं प्रेम का प्रस्ताव,
 
क्योंकि तुम जानते हो क्या होता है प्रेम गुलमोहर.


देख रहे हो साइबेरियन तुम और गुलमोहर एक दूसरे के विलोम हो..

©Barkha B.H.U
  #Moon #gulmohar