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अब फिर ना आऊंगा, तुम को समझाने मैं स्वतंत्रता की क

अब फिर ना आऊंगा, तुम को समझाने मैं
स्वतंत्रता की कीमत बतलाने मैं 
तुम तो सब ज्ञानी हो, लोभी हो क्रोधी हो
महा अभिमानी हो
स्वतंत्रता की परिभाषा बदल दी 
शहीदों की अभिलाषा निष्फल ही कर दी
क्यों कर समझाऊं मैं, क्यों लौट आऊं मैं 
फिर भी मुझे कोई कर्म अखरता है 
तुम को समझाने को, गीत नया गाने को 
मैं फिर से आऊंगा, कर्मपथ दिखाने को 
किसी तीर तरकश को, मैं कुछ न जानूंगा 
हार नहीं माना था, हार नहीं मानूंगा || स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी
नमन हे युगपुरुष'

उनकी कविता की एक प्रसिद्ध पंक्ति को Collab  के माध्यम से उन को श्रद्धांजलि अर्पित करें। 

तीन बार प्रधानमंत्री रहे भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म 24 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर, मध्यप्रदेश में हुआI 
वे जीवन भर राजनीति में सक्रिय रहेI राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रूप में आजीवन अविवाहित रहने के संकल्प को पूरी निष्ठा से पालन कियाI भारतीय जनता पार्टी को एक राष्ट्रीय पार्टी बनाने में उन का योगदान सर्वोपरि है।
अब फिर ना आऊंगा, तुम को समझाने मैं
स्वतंत्रता की कीमत बतलाने मैं 
तुम तो सब ज्ञानी हो, लोभी हो क्रोधी हो
महा अभिमानी हो
स्वतंत्रता की परिभाषा बदल दी 
शहीदों की अभिलाषा निष्फल ही कर दी
क्यों कर समझाऊं मैं, क्यों लौट आऊं मैं 
फिर भी मुझे कोई कर्म अखरता है 
तुम को समझाने को, गीत नया गाने को 
मैं फिर से आऊंगा, कर्मपथ दिखाने को 
किसी तीर तरकश को, मैं कुछ न जानूंगा 
हार नहीं माना था, हार नहीं मानूंगा || स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी
नमन हे युगपुरुष'

उनकी कविता की एक प्रसिद्ध पंक्ति को Collab  के माध्यम से उन को श्रद्धांजलि अर्पित करें। 

तीन बार प्रधानमंत्री रहे भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म 24 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर, मध्यप्रदेश में हुआI 
वे जीवन भर राजनीति में सक्रिय रहेI राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रूप में आजीवन अविवाहित रहने के संकल्प को पूरी निष्ठा से पालन कियाI भारतीय जनता पार्टी को एक राष्ट्रीय पार्टी बनाने में उन का योगदान सर्वोपरि है।
rahulsharma2371

Rahul Sharma

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