मन का दीप मन का दीप जले उजाला होये कर कोई काम ऐसा निराला होये जरा देर लगती है पर यकीं कर ले झूठ का मुंह एक दिन काला होये बढ़ कर तेरे आगे ही तो आयेगा जो भी कर्म खुद में तूने पाला होये वाजिब है कुछ छींटे तुझपर भी आयें गर कीचड़ तूने किसी पर उछाला होये मन का दीप ...........होये आमिल 😇😇😇😇😇😇😇😇😇 Mann ka deep jale ujaala hoye Kr Koi kaam aisa niraala hoye Zra der lagti h pr yakeen kr le Jhooth ka muhh ek din kaala hoye Bad kr tere aage hi to aayega