Nojoto: Largest Storytelling Platform

अब कोई किसी को पहचानता कहां और कोई किसी की अब मानत

अब कोई किसी को पहचानता कहां
और कोई किसी की अब मानता कहां
भावों की तलहटी में राज़ ही राज़ है
वहां तक का सफ़र कोई ठानता कहां
अब कोई किसी.......
लोगों के सोच में अज़ब रोग लग गया है 
इससे बाहर निकलना कोई चाहता कहां
हर ठोकर कुछ सीख देता ज़रूर है
सबक लेने का हुनर कोई जानता कहां
अब कोई किसी....….
दिलों में विद्वता की पराकष्ठा हो गई है
सच का सार अब कोई छानता कहां
चलो "सूर्य" भीड़ भाड़ से अब दूर कहीं
उम्मीद भरी नज़रों से अब झांकता कहां
अब कोई किसी........

©R K Mishra " सूर्य "
  #पहचानता  Sethi Ji PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' ƈɦɛȶռǟ ƈօօʟ (Y̴a̴a̴r̴a̴) Rama Goswami Ayesha Aarya Singh