आ जाये ज़िंदगी किसी के काम यहाँ कोई कह दे वो फरिश्ता, मैं ही हूँ । जाने किसके लिए हूँ बना वो है कहाँ एक जो हो करीबी, वो रिश्ता मैं ही हूँ । हर शख़्स को है शिकायतें कहीं वो एक बेदाग़दार किस्सा, मैं ही हूँ। कहीं अंधेरे में भी खिलता है वो एक बहार-ए-गुलिस्तां, मैं ही हूँ । मंजिल भी रहती है कुछ ख़फ़ा सी वो एक खुशनुमा इंसा, मैं ही हूँ । मेरी पहचान यही है की इस जहाँ मुझसा एक है केवल, वो मैं ही हूँ । सुप्रभात। अपनी शक्ति, अपनी कमज़ोरी को जानो, अपने आपको पहचानो। #ख़ुदकोपहचानो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #rs_rupendra05 #रूप_की_गलियाँ