सुनो... कोई सीमा रेखा तो तय करो कब तक इंतज़ार करना है मुझे कब तक मौन रहना है तुम्हें आखिर कब तक यूँ ही पन्नों पर मन उड़ेलना है मुझे...! 🌹 सुनो... कोई सीमा रेखा तो तय करो कब तक इंतज़ार करना है मुझे कब तक मौन रहना है तुम्हें आखिर कब तक