Nojoto: Largest Storytelling Platform

निकला हो चाहे सूरज कितना भी चमकता सा, कुछ अंधेरे फ

निकला हो चाहे सूरज कितना भी चमकता सा,
कुछ अंधेरे फ़िर भी ठहरे ही रहते हैं,
अक्सर नहीं लौटते हैं लोग गिर जाने के बाद,
मन की नज़र और गड्ढे गहरे ही होते हैं।
जीन आदतों पर बेफ़िक्री से वार दिया था हमने;
दिल का ये आशियाना हंसते हंसते,
उनके रंग ने बताया है के फरेबी की सूरत में;
अंजान नहीं पर अपनो के चहरे ही मिलते हैं।

©Akash Kedia #LookingDeep #chehra #gehra #Thehra #anjaan #fareb
निकला हो चाहे सूरज कितना भी चमकता सा,
कुछ अंधेरे फ़िर भी ठहरे ही रहते हैं,
अक्सर नहीं लौटते हैं लोग गिर जाने के बाद,
मन की नज़र और गड्ढे गहरे ही होते हैं।
जीन आदतों पर बेफ़िक्री से वार दिया था हमने;
दिल का ये आशियाना हंसते हंसते,
उनके रंग ने बताया है के फरेबी की सूरत में;
अंजान नहीं पर अपनो के चहरे ही मिलते हैं।

©Akash Kedia #LookingDeep #chehra #gehra #Thehra #anjaan #fareb
akashkedia1107

Akash Kedia

New Creator