Trust me उत्तराखण्ड से मुझे लगाव क्यूँ है.? मैंने यहाँ बादलों को जमीन पर आते देखा है, मैंने यहाँ सीढिदार खेतों को देखा है, मैंने यहाँ धारे के साफ़ पानी को देखा है, मैंने यहाँ बर्फ की सफेद चादर से ढके पहाड़ों को देखा है, मैंने यहाँ के लोगों को देखा और उन्हें जाना है, मैंने पहाड़ के टेढे-मेढे रस्तों को देखा है, पहाड़ की शादियों में लोगों को बिना बोले ही एक दूसरे की मदद करते देखा है, मैंने यहाँ की शादियों में होने वाले छोलिया नृत्य को देखा है, मैंने मन्त्रमुग्ध कर देने वाली मसकबीन की ध्वनि को सूना है, मैंने पहाड़ की संस्कृति को देखा है, पिछौड़े और नथ पहने हुई दुल्हन को देखा है, पहाड़ों में आने वाली एक अलग ही तरह की छन्न की आवाज को महसूस किया है, मैंने पहाड़ों में आने वाली अलग ही खुशबू को महसूस किया है, मैंने पहाड़ों के वो अलग अलग त्योहारों को देखा है और उनसे मिलने वाली अंदरुनी खुशी को महसूस किया है, मैंने पहाड़ों में आसमान छूते पेड़ों को देखा है, शायद इसे केवल पहाड़ कहना सही नहीं होगा.... ये भावना है मेरे अन्दर की जिन्हें शब्दों में बयान करने की कोशिश की है मैंने..।