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जो ठहर ना सकें दो पल,,, वो मेहमान नहीं!!! कोरे का

जो ठहर ना सकें दो पल,,,
 वो मेहमान नहीं!!!
कोरे कागज़ पे लिखना,,,
  इतना आसान नहीं!!!

©Navratna Mishra ये रुसवाई है या पुरवाई है???
ये अंखिया इतनी क्यों पथराई है???
चेहरे से सिकन मिटते ही नहीं!!!
आखों में अश्क दिखते ही नहीं!!!

और,,,???
मजाक की भी हद होती है,,,
बेवजह दरिया पार कौन करता है???
जो ठहर ना सकें दो पल,,,
 वो मेहमान नहीं!!!
कोरे कागज़ पे लिखना,,,
  इतना आसान नहीं!!!

©Navratna Mishra ये रुसवाई है या पुरवाई है???
ये अंखिया इतनी क्यों पथराई है???
चेहरे से सिकन मिटते ही नहीं!!!
आखों में अश्क दिखते ही नहीं!!!

और,,,???
मजाक की भी हद होती है,,,
बेवजह दरिया पार कौन करता है???