शेष विशेष हम अबतक साथ साथ हैं पर अजीब से ताल्लुकात है अलग अलग सवालात है अलग अलग जज़्बात है भले ही अहम का प्रभाव है पर हृदय से लगाव है निभा रहे ये अच्छी बात है जो विधाता की किरपा की सौगात है वर्ना कभी के बिछड़ जाते फिर तन्हाई का दर्द किसे बताते वैसे तो उम्र कट गई फिलहाल यादों में सिमट गई कुछ खट्टी कुछ मीठी यादें कुछ शिकवे तो कुछ फरियादें शाम भी आखिर ढल जाएँगी पर यादें तो साथ निभाएँगी! द्वारा:-RNS. #शेष विशेष.