सोच कर निकले होंगे वो लोग , उन सबको तो बस घर जाना है। किसी को ऐसा मालूम नही था , अब तो उनको मर जाना है। कितनो के दिल रोए होंगे , कितनो ने अपने खोये होंगे। कितनो की आँखे भीगीं होंगी , जब ऐसी दुखद खबर पाई होगी। क्या बीती होगी उन लोगो पर , जिन्होंने यह नजारा देखा होगा। जब टैंकरों ने आपस में टकराकर , आग की लपटें फेका होगा। बिखरे मन को अंदर ही अंदर , खुद से अब डर जाना है। किसी को ऐसा मालूम न था , अब तो उनको मर जाना है। - आचमन चित्रांशी jaipurnews ©Achman Chitranshi #leafbook #Jaipur #Shayari #Shayar #Jalwa #Poetry #Poet #poems