जहाँ भी जाओ तुम, कदमों के निशाँ अपने छोड़ते चलो ना मिले गर रास्ता, अपनी बनाई डगर पर चलते चलो ना करो परवाह, कोई समझा नहीं तुम्हें ये दुनिया भी मानेगी तुमको, अपने कर्म तुम बस करते चलो तुम्हारे छोड़े निशाँ पर ही चलेगी सभी, तुम उनके लिए भी राह बनाते चलो ♥️ Challenge-977 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।