प्रेम को बंधन में बांधकर ये क्या कर रहे हैं हम तय कर प्रेम की परिधि प्रेमी के पँख काट रहे हैं हम आखिरी अल्फ़ाज़ प्रेम का पढ़कर तुम्हें आज़ाद कर रहे हैं हम स्वतन्त्र हो तुम सारा आसमान तुम्हारा है चुन लो मोती अपने हिस्से के पारावार तुम्हारा है स्वर्ण नगरी भी तुम्हारी है वनवासी 'राम' तुम्हारा है RR writes ©priyram #lon #Nojoto ely