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यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है... दिखाता

यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...
दिखाता नहीं यहाँ कोई हक़ीक़त, 
झूठी मुस्कान सा जैसे हिज़ाब लिये फिरता है,
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

कभी झांका नहीं गिरेबां में खुद और...और
बेवज़ह गैरों का हिसाब लिए फिरता है,
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

ज़माना है ये सवाली बड़ा.. कभी तो लगता है जैसे,
जैसे हर कोई ही सवालों की किताब लिए फिरता है,
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

कार-ए-मुश्किल है यहाँ किरदार पहचानना,
कोई यहाँ फरेब तो कोई महकता गुलाब लिए फिरता है,
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

यहाँ शरीफ़ नहीं कोई इतना भी जनाब,
कोई बेगुनाही का झूठा सबूत तो कोई जवाब लिए फिरता है,
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

सामने रहनुमा तो कभी जुबां पर मीठे लफ़्ज लिए जो दिखता है...
असल में पीछे वही, दिल में इताब लिए फिरता है...
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

सितमगर है यहाँ हर कोई...सितमगर है यहाँ हर कोई
फिर भला क्यों तू हमदर्द का ख़िताब लिए फिरता है
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

गुनाहों में जो शुमार है तेरी जमुरियत का नाम,
क़माल है तेरा जो तू इंसानियत का नक़ाब लिए फिरता है
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...
 #NojotoQuote #नक़ाब 
#नक़ाब #life_poetry #nojoto_poetry
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...
दिखाता नहीं यहाँ कोई हक़ीक़त, 
झूठी मुस्कान सा जैसे हिज़ाब लिये फिरता है,
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

कभी झांका नहीं गिरेबां में खुद और...और
बेवज़ह गैरों का हिसाब लिए फिरता है,
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

ज़माना है ये सवाली बड़ा.. कभी तो लगता है जैसे,
जैसे हर कोई ही सवालों की किताब लिए फिरता है,
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

कार-ए-मुश्किल है यहाँ किरदार पहचानना,
कोई यहाँ फरेब तो कोई महकता गुलाब लिए फिरता है,
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

यहाँ शरीफ़ नहीं कोई इतना भी जनाब,
कोई बेगुनाही का झूठा सबूत तो कोई जवाब लिए फिरता है,
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

सामने रहनुमा तो कभी जुबां पर मीठे लफ़्ज लिए जो दिखता है...
असल में पीछे वही, दिल में इताब लिए फिरता है...
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

सितमगर है यहाँ हर कोई...सितमगर है यहाँ हर कोई
फिर भला क्यों तू हमदर्द का ख़िताब लिए फिरता है
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...

गुनाहों में जो शुमार है तेरी जमुरियत का नाम,
क़माल है तेरा जो तू इंसानियत का नक़ाब लिए फिरता है
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...
यहाँ हर शख्स चेहरे पर नक़ाब लिए फिरता है...
 #NojotoQuote #नक़ाब 
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