कमाने देती नहीं खुद्दारियाँ मेरी और मार डाले हैं देनदारियां तेरी रुख़सत हो हो के रुके हो तुम रुसवा करे हैं ये नादानियाँ तेरी रातें कर लेता हूँ मैं किसी तरह सुबहें ले आती है रानाइयाँ तेरी कभी कहे है कि दुनिया तंग है फिर कहने लगता यारियां तेरी धीर मुझसे मिला तो मैंने कहा छोड़ दे सारी बदगुमानियाँ तेरी नादानियाँ