ना कोई गौरा है ना कोई काला है मेरे नबी की नजरों में सब उम्मती हमारा है ना कोई अमीर है ना कोई ग़रीब है एक शफों में खड़ा कर दे ऐसा ख़ुदा हमारा है हम कितने खुश नसीब है इंसानियत जो सिखाए ऐसा मज़हब हमारा है अहमद हुसैन ✍️ #Prayers #IndianMuslims