वो शाम की ही बात थी कि तभी वो आया नहीं सोचते रहते कि सच में वो पराया है नहीं। वो दूर था कि पास था जो खुद में इक एहसास था मैं राह तकती रह गयी कि दिन गुजरता ही नहीं।। #woyaade