दिल से जो मांगी थी दुआ वो आज़ कबूल हुई है, चाहत थीं हो जाएं दर्शन वो मन्नत आज़ पूरी हुई है। अब और तो क्या ख़्वाहिश रखूँ मैं आपसे महादेव, मेरी हर गुज़ारिश जो आपने दिल से पूरी करी है। जब आती बात महादेव की है तो यह दिल उनका दीवाना बन जाता है, शब्द़ की बात ही क्या करे उन पर तो सब लोग कहानियाँ लिख देते है। क्या करे अब महादेव है ही इतने भोले की सबकी दुआ होती कबूल है, तभी तो मनुष्य एवं देवता भी उनको देवो के देव महादेव से पुकारती है। अगर कोई समस्या हो किसी मनुष्य या देव को सुलझाते महादेव ही है, ऐसा कोई भी कार्य नहीं हुआ जिसमें महादेव की रज़ामंदी नहीं होती है। माना कि गणेशजी को विघ्ऩहर्ता और प्रथमपूज्य के देव कहा जाता है,