बात कुछ खट्टी कुछ मीठी होनी चाहिए कुछ तेरे कुछ मेरे मन की होनी चाहिए अंदाज सबका जुदा जुदा है जीने का मगर ज़िंदगी भी ज़िंदगी सी होनी चाहिए गलतफहमियों ने उजाड़े हैं घरोंदे कई दिल्लगी जरा फीकी फीकी होनी चाहिए.. आसमाँ जीत लेना आसान तो नहीं है बेहतर ख्वाहिशें जमीं की होनी चाहिए.. कौन अपना कौन पराया क्या जाने दिल साथ तजुर्बो की कसौटी होनी चाहिए.. ज़िंदगी यूँ ही मत गँवा मरने से पहले ख़ुदा से इक मर्तबा आशिकी होनी चाहिए ©अज्ञात #बातें