लेखक या कवि लिखकर जो खुद की दास्ताँ लोगों को बताता है करें सब उसके शब्दों का स्वागत यही तो वह चाहता है जाता है कभी कभी जिसे पढ़कर श्रोता भावों में खो जिसके शब्दों में आदमी आम जीवन की झलक पाता है कवि अजय जयहरि कीर्तिप्रद लेखक या कवि