कवि के ख्याल बेरंग वीरान खंडहर सा जीवन है मेरा आ जाए कोई गौरेया/ चिड़िया महक जाए ये मेरा बसेरा घोर घटा सन्नाटा पसरा रात अंधेरा बिन ची ची होता मेरा सवेरा सुखी पढ़ी कलम मेरी करती इंतजार करे कोई बिखरे पन्नो पर शब्दो की बौछार बैठा कवि अपनी मेज़/ टेबल करे विचार आए कोई संगीनी कर जीवन उद्धार देख आता गोरिया उठी आंगन में किलकार जा सुनी सगीनी की पायल की छानकर मद मस्त हुआ खण्डर हुई बारिश की जब बौछार देख उम्मीद नए सवेरे की लगता कवि पुकार बेरंग वीरान नीरस जीवन में आएगी फिर बहार RAHUL VARSATIY PARMAR ©Rahul Varsatiy Parmar #GoldenHour #हिंदी #नोजोतो #जीवन #वीरान life shayari in hindi