सुनो पंडिताइन.. बनारसी भोजपुरी जैसे सरल हम, मिथिला वाली मिठास हो तुम, मैं सुबह बनारस का, अवध की शाम हो तुम, धूप के बादल जैसा मैं, बारिश की मखमली एहसास हो तुम। -कृष्णामरेश ©Amresh Krishna #nakhre