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न आवाज़ उठ रही कहीं न ही सहारा मिल रहा

न आवाज़ उठ रही कहीं
           न ही सहारा मिल रहा ।
  फुटफाथ पर अक्सर 
        बेसहारे बच्चों का मेला मिल रहा ।

 हम लिख तो रहे मोहब्बत 
         पर वो नफ़रतों में जल रहा ।
भूख मिटाने की कोशिश में 
            हर जंग से वो लड़ रहा । 

पर आज हुआ नहीं कुछ 
           जैसा था वो चाह रहा ।
भूख से बिलख कर उसमें 
       कोई एक दम तोड़ चला ।

भीखारी था या था लावारिस 
    पर वारिस वालों को ये चुभ गया ।
फेंको इसको हो देखते क्या 
   और इन्सानियत भी इसमें कहीं मर गया । 



 


 #NojotoQuote Life of the Children : Life on Foot Path
#PoorChildren #Nojoto #NojotoHindi #Humanity
न आवाज़ उठ रही कहीं
           न ही सहारा मिल रहा ।
  फुटफाथ पर अक्सर 
        बेसहारे बच्चों का मेला मिल रहा ।

 हम लिख तो रहे मोहब्बत 
         पर वो नफ़रतों में जल रहा ।
भूख मिटाने की कोशिश में 
            हर जंग से वो लड़ रहा । 

पर आज हुआ नहीं कुछ 
           जैसा था वो चाह रहा ।
भूख से बिलख कर उसमें 
       कोई एक दम तोड़ चला ।

भीखारी था या था लावारिस 
    पर वारिस वालों को ये चुभ गया ।
फेंको इसको हो देखते क्या 
   और इन्सानियत भी इसमें कहीं मर गया । 



 


 #NojotoQuote Life of the Children : Life on Foot Path
#PoorChildren #Nojoto #NojotoHindi #Humanity