न उम्र की बंदिशे थी,न हुस्न पे पाबंदी । सब लोग इकट्ठे थे,थी रोजगार की वो मण्डी ।। सब किलो पसेरी मे बिकते ,पर बाजार मे थी मंदी।। सब लोग इकट्ठे थे,थी रोजगार की वो मण्डी ।। ✍✍✍ #nojoto#ssc_CHSL_T_2