शीर्षक - किरणे ।। कविता। किरणे ईश्वरीय हो तो, अनहोनी टल जाती हैं। रोशनी सूरज की हो तो, ब्रम्हाण को चमकाती है। प्रकाश वाहन का हो तो, सही राह दिख जाती हैं। लौ दीपक की हो तो, कई घरों की राते कट जाती हैं। ज्योत अंतर्रात्मा की जले तो, जीवन में अंधकार मिटाती है। चमक जुगनू की हो तो, जीने का अहसास दिलाती हैं। फैली तरंगे रोशनी की हर जगह, पर किसी को नज़र न आती हैं। कही तेज़ प्रताप, कही चांदनी, कही ज्योत में बदल जाती हैं। भिन्न भिन्न तरीको से ये किरणे, हमें प्रेरणा दे जाती हैं। नाम - नटवर चरपोटा। जिला - बांसवाड़ा। राज़। ©Navin #सुंदर #SunSet #kirne #sunlight