गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा को समर्पित मेरी कुछ पंक्तियां ******************************************************* व्यर्थ ना कोई वार कर , जब वार कर अपार कर , स्वर्ण को भेदता , तू भाल का प्रहार कर , तु स्वयं समय का प्रहरी है , स्वयं समय भी तेरा ऋणी है , अपनी विशाल भुजाओं से , तु स्वयं का निर्माण कर , तप कर ही स्वर्ण निखरता है , जल कर ही खाद्य पकता है , अपने ह्रदय की अग्नि से , तु विजय की ललकार कर , व्यर्थ ना कोई वार कर ,जब वार कर अपार कर ****************************************************** copyright @ जितेन्द्र सिंह " जयेश " **************************************************** ©Jitendra Singh ललकार #neerajchopra