Nojoto: Largest Storytelling Platform

सहम सा जाता हूंँ स्याह रात में, जब दस्तक होती है


सहम सा जाता हूंँ स्याह रात में,
जब दस्तक होती है तेरी मेरे ख़्वाबों में,
ख़्वाब टूटते ही खून खोलता है मेरा,
और आँखों से आँसुओ का दरिया बह जाता है। 
-Nitesh Prajapati 


 👉🏻 प्रतियोगिता- 677
विषय 👉🏻 🌹"स्याह रात"🌹
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I

🌟कृपया font size छोटा रखें जिससे wallpaper ख़राब नहीं लगे और Font color का भी अवश्य ध्यान रखें ताकि आपकी रचना visible हो। 

🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।

सहम सा जाता हूंँ स्याह रात में,
जब दस्तक होती है तेरी मेरे ख़्वाबों में,
ख़्वाब टूटते ही खून खोलता है मेरा,
और आँखों से आँसुओ का दरिया बह जाता है। 
-Nitesh Prajapati 


 👉🏻 प्रतियोगिता- 677
विषय 👉🏻 🌹"स्याह रात"🌹
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I

🌟कृपया font size छोटा रखें जिससे wallpaper ख़राब नहीं लगे और Font color का भी अवश्य ध्यान रखें ताकि आपकी रचना visible हो। 

🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।