गीत हो गए दूर फिर भी भुलाया नही आज तक दिल किसी का दुखाया नही जिंदगी में सभी को हँसाया मगर आज तक भी किसी को रुलाया नही राह थी प्रेम की भी अँधेरी बहुत हम दिया प्रेम का ही जलाते रहे प्रेम की राह में खार हमको मिले हम गुलों से ये राहे सजाते रहे प्रेम का दीप हमने जलाया यहाँ पर कभी दीप हमने बुझाया नही हमने सब कुछ यहाँ प्रेम को दे दिया प्रेम के नाम पर लोग छलते रहे लोग करते रहे सब तिमर राह में हम सदा दीप जैसे ही जलते रहे किस्मतों से बुझा प्रेम का ये दिया दोष हमने किसी पर लगाया नही सब पता था हमे पर रहे चुप सदा प्रेम के स्वप्न हमको दिखाते रहे जब हमे आजमाने न कुछ भी मिला प्रेम के नाम पर आजमाते रहे हो न जाये कही यार रुसबा मेरा इसलिए आज तक आजमाया नहीं प्यार में दर्द हमको मिला हैं बहुत अश्क़ आँखों मे लाना गवारा नही वो किसी औऱ का कैसे होगा भला हो सका जो कभी भी हमारा नही कौन उसका सहारा बनेगा यहाँ वक्त पर जो किसी का सहारा नही खेलते वो रहे हर घड़ी दिल से मेरे पर कभी भी किसी को सताया नही धरम सिंहः ©kavi Dharmsingh Malviya गीत