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उगता हुआ सूरज सा था वो,ढलती हुई शाम सा था वो.....

उगता हुआ सूरज सा था वो,ढलती हुई शाम सा था वो.....
सबके लिए सिर्फ दोस्त था वो,लेकिन मेरे लिए.....
मेरी जान था वो ,कुछ बाते तो उससे बताना चाहती थी
 लेकिन शायद उसे समझ नहीं आयी.....
या यूं कहूं की मै तो use पूरा समझ चुकी थी....
but वो मुझे कभी समझा ही नही.....
khair chhodo इंतजार तो आज भी मुझे उसी के जवाब का h 
KyukI ektrfa to mohabbat ho hi चुकी है ..
अब बस इंतजार उसकी हां का है  ।।

✍️...................by

❣️Akriti Singh ❣️

#ek trfa mohabbat isq..........by.....A.S

#ektrfa mohabbat
उगता हुआ सूरज सा था वो,ढलती हुई शाम सा था वो.....
सबके लिए सिर्फ दोस्त था वो,लेकिन मेरे लिए.....
मेरी जान था वो ,कुछ बाते तो उससे बताना चाहती थी
 लेकिन शायद उसे समझ नहीं आयी.....
या यूं कहूं की मै तो use पूरा समझ चुकी थी....
but वो मुझे कभी समझा ही नही.....
khair chhodo इंतजार तो आज भी मुझे उसी के जवाब का h 
KyukI ektrfa to mohabbat ho hi चुकी है ..
अब बस इंतजार उसकी हां का है  ।।

✍️...................by

❣️Akriti Singh ❣️

#ek trfa mohabbat isq..........by.....A.S

#ektrfa mohabbat
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Akriti Singh

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