है हमारे वास्ते हक परस्ती को मिटाने एक सफ़ में खड़े,सितम-ईजाद यजीद सब//१ गौर से सुन ऐ *फिरोनी हुकूमते,हमारी नस्लें अब ना होंगी तेरी यू मुरीद सब// * उफ़ ये किस मरदूद की याद ने दहला दी इंसानियत उस जालिम कारून, हामान जैसी हुकूमते मिटी है *जदीद सब//३ शरीके थे आप,मैं,और तुम लोग,हां यकीनन वो हकबयानी है अभी,याद *मजीद सब// जबरन शद्दाद मगरुर ने बुतो को सज्दा किया, ज़हनो दिल से मिट गए उस जैसे *शदीद सब//४ मुझको बया न करनी थी अपने रूदादे-ग़म ,ए खुदाया क्यू हो रहे,तेरे होते *नाउम्मीद सब//,५ शमा को नही ऐसे नमरूदी सजदे का शउर वो,जो बुत हुए थे कलीसा में ओंधे मूंह *पलीद सब//६ किस किसके खुदाओ पर करूँ मैं *तब्सिरा,बेशक मिलकर देते है एक वाहिद खुदा की *तोहिद सब//७ * सह गईं रंजो अलम सारी दुनिया के"शमा",मेरे भी दिल को मिले तुझसे यही *गूफते शनेद सब//८ शमीम अख्तर/शमा write ©IM binte hawwa shama write Read in Caption👇है हमारे वास्ते हक परस्ती को मिटाने,एक *सफ़ में खड़े*सितम-ईजाद यजीद सब//१ *कतार (*सितम-ईजाद-यजीद__ नये नये सितम करने वाला जालिम) गौर से सुन ऐ *फिरोनी हुकूमते,हमारी नस्लें अब ना होंगी तेरी यू मुरीद सब// २ (*फिरोन--यहूदी बादशाह जो ज़ालिम,अत्याचारी था,खुद को खुदा कहलवाता था?) उफ़ ये किस मरदूद की याद ने दहला दी इंसानियत,उस जालिम कारून, हामान जैसी हुकूमते मिटी है *जदीद सब//३ (हालिया)