मापनी -१२१२-११२२-१२१२-२२/११२ खता हमारी थी जो उन पे एतबार किया कि इंतज़ार मे उनके यूँ अश्क-बार किया।।१ छुपाये रम्ज कई दिल में हम तो जीते रहे बताना चाहा मगर सब्र इख़्तियार किया।।२ चले गए वो मुझे छोड़ बीच राह मगर हर एक मोड़ पे उसका ही इन्तिज़ार किया।।३ तड़प ये याद दिलाती है लम्स ए यार की फिर कि जिस तरह से उन्होंने यूँ दर-किनार किया।।४ ये रातें हिज़्र की 'जय' और सही नहीं जाती गुनाह कर लिया जो बेवफ़ा से प्यार किया।।५ ©jai_writes_ एक बहुत ही प्यारी ग़जल आप सबके हवाले।।। देखिये और प्यार से नवाजिये✍️✍️✍️ #दर्द #तन्हाई #इन्तिज़ार #बेवफाई