वृथा विलाप मत करो कर उन्माद का उन्मूलन, श्रेष्ठ मार्ग पर कदम धरो,! कर्म- स्वेद की खुशबू फैलाओ, तन को ल्हेसित मत करो,! जो भी करना है इस जग में, तुम्हें ही तो करना है,! ऐ मानव,! हार कर न बैठो, दृढ़ता से विपत्ति का प्रतिकार करो,! वृथा विलाप मत करो अपनी व्यथा का, तन में नई शक्ति का संचार करो,!! इतना दुखी मत होओ, मत बहाओ अपनी हालत पर आंसू,! स्थिति तेरी क्यूँ हीन है इतनी?, सोच कुछ सीख ले उससे जरा तू,! अभी शेष है जीवन, फिर थकता क्यूँ है तेरा तन? भूल पुरानी यादों को, शुरू फिर से नया व्यवहार करो,! वृथा विलाप मत करो अपनी व्यथा का, तन में नई शक्ति का संचार करो!! कुछ रूठे तो क्या हुआ?, कुछ टूटे तो क्या हुआ? दुनिया है यह बहुत बड़ी, किसने इसका विस्तार छुआ? खुशियाँ बिखरी है यहाँ सर्वत्र, दुःख के ढ़ेर कहीं-कहीं,! अवसाद के गिर से लगा छलांग, खुशियों के नद में पेग भरो,! वृथा विलाप मत करो अपनी व्यथा का, तन में नई शक्ति का संचार करो!! #positivethinking #positivethoughts #positivequotes #positiveattitude #yqpositivity