पहन कर चाँद की नथनी, सितारों से भरा आँचल; नये जल की नई बूँदें, नये घुँघरू नई पायल; नया झूमर नई टिकुली, नई बिंदिया नया काजल। पहन आई मैं हर गहना, कि तेरे साथ ही रहना; लहर की चूड़ियाँ पहना, मैं पानी की कलाई हूँ। #शृंगार