"जिम्मेदार कौन है?" बच्चों के मन इतने साफ़ होते है जो कहना हो खुले आम कहते है होता नहीं डर किसी का मीठे बोल छू लेते है दिल हर किसी का सुना है वो किसी का रूप होते है बच्चे तो भगवान का स्वरूप होते है बच्चो का तो मन साफ़ होता है फिर क्यूं नही बच्चों के साथ इंसाफ़ होता है? क्यूं कराते हो बाल मज़दूरी? हो जाती है बचपन से दूरी देखा है मैने छोटे छोटे ढाबों पर करते वो काम है स्कूल मे क्यूं नहीं? लिखा उनका नाम है क्यों उनका बचपन छिनता है बोलती क्यूं नहीं जनता है उसे भी पढ़ना है उसे भी आगे बड़ना है सिर्फ़ शर्म से सर झुकता है क्यूं बाल शोषण नहीं रुकता है? यहां तो सब के सब मौन है बताओ इसका जिम्मेदार कौन है? ©"बाबू बुलंदशरी" #ChildrensDay "जिम्मेदार कौन है?" #happychildrensday