अंधेरी धरा है निशा सा समा है जलो तुम जलो तुम ये कैसी घड़ी है निराशा बड़ी है जलो तुम जलो तुम जमाना बुरा है भटकता युवा है जलो तुम जलो तुम नया रास्ता है तुम्हें खोजना है जलो तुम जलो तुम हृदय दीप सा है गुरु मोम सा है जलो तुम जलो तुम #गुरु_मोम_सा_है #शिक्षकदिवस #शिक्षक_दिवस #teachers_day #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू