उस भगवान से तो डरता तु एक इन्सान के रुप में दरिंदा है तु जो अपनी हवस निकालने नाबालीक को भी अपना शिकार बना लेता है जो कभी एक औरत के हाथो जन्म लिया है और उसकी किमत बहुत अच्छी तरह चुका रहा है तु क्या गुनहा था उस बच्ची का जो तु उसे इतनी घिनौना हरकत करता है खुद को मर्द कहता है तुझ जैसे राक्षस क्यो बार बार पैदा हो जाते है हर बार नाबालीक को शिकार बनाकर चले जाते है कब आएगा वो दिन जब लडकिया खुदको सुरक्षित समझेगी बलात्कार जैसे खबरे कब बंद होगी| उस भगवान से तो डरता तु एक इन्सान के रुप में दरिंदा है तु जो अपनी हवस निकालने नाबालीक को भी अपना शिकार बना लेता है जो कभी एक औरत के हाथो जन्म लिया है और उसकी किमत बहुत अच्छी तरह चुका रहा है तु