क़ोई ख्वाहिश नहीं बाकी लौट चलो अपने घर अब तुम्हारी यहाँ जरूरत नहीं साथी, संगी साथी पहुँच गये, तुम किस भ्रम में रह गये सोना, चाँदी, हीरे, मोती जोड़ लिए, खुद से रिश्ते तोड़ लिए, अब अपनी सुध याद आई, जब जिंदगी सारी माया के लिए गवांई। लौट चलो अब तुम भी साथी, अब कोई ख्वाहिश नहीं बाकी। कभी कभी ज़िन्दगी में ऐसा भी मक़ाम आता है, जब दिल को कोई इच्छा नहीं रह जाती। #ख़्वाहिशनहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi