मैंने लहु के कतरे मिट्टी में बोये हैं.. खुशबू जहाँ भी है मेरी कर्ज़दार है ए वक़्त होगा एक दिन तेरा मेरा हिसाब मेरी जीत ना जाने कब से तुझ पर उधार है ©अनुराग झा #kavita_ke_chhuperustm #कविता_के_छुपेरुस्तम #changetheworld