Favour नज़रों से ज़ुबाँ तक,ज़ुबाँ से दिल तक, जिधर देखो हमीं ही हमीं . इश्क़ पर जितना एतबार तुमको, उतना हमको भी तुम पे यकीं कब तक यूँ हम, ऐसे एक दूसरे से, रहेंगे बन के इतने अज़नबी आओ चलो खोजाएँ अब,जहाँ में हम तुम कहीं, बनके हमनशीं