क्या कहा, शरीफ़ लोग सोए हैं? सोने दो। क्या कहा, ख़्वाबों में खोए हैं? खोने दो। ये क्या क्या होने लगा है देश में आज कल चलिए छोड़िए अब जो होता है होने दो। - फ़क़त उमेश #shrafat#khwab#lapata#desh#beparwaah