हालात ने जैसे चाहा वैसे हम ढल गए बहुत संभल कर चले थे लेकिन पैर फिसल गए चलते रहे जिंदगी की राहों पर बहते पानी की तरह लोग मिलते-बिछुड़ते रहे सफर के मुसाफिर की तरह जो लबों से न कहना था वो नज़रों से कह दिया करवां गुजर गया था अकेला मैं रह गया... सुप्रभात। ये दुनिया है, यहाँ हर क़दम पर हादसा रखा हुआ है, यहाँ देखकर चलो। #देखकरचलो #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi